36 घंटे का अनुष्ठान पूरा।।

संवाददाता।।माजरी

माजरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिरना व वर्धा नदी पर छठ के चौथे दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्‍य दिया गया। इसके साथ ही महापर्व का समापन हो गया। पर्व को लेकर पूरे देश में भक्ति व उत्‍साह चरम पर रहा. छठ महापर्व का समापन आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ. जिले में छठ पूजा के लिए नदियों और तालाबों के किनारे बनाए गए घाटों पर व्रती महिलाएं और उनके परिवार के सदस्य सूर्य की पूजा करते हुए इस चार दिवसीय महापर्व का पारण कर रहे थे. घाटों पर सुबह से ही छठव्रती और छठी मैया के भक्त भगवान भास्कर के उदय की प्रतीक्षा कर रहे थे. सूर्य के उदय के साथ ही व्रतियों ने घुटने भर पानी में उतरकर उन्हें अर्घ्य अर्पित किया और इस प्रकार अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन किया. उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय के साथ हुई थी. उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने वाली व्रतियों ने नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाया और भगवान भास्कर से अपने सुहाग की लंबी उम्र की प्रार्थना की.

       
अब महिलाएं अगले वर्ष छठी मैया का इंतजार करेंगी. तीन दिन के इस महापर्व में महिलाओं को कठिन तपस्या करनी होती है. इसके लिए महिलाएं पूरी रात छठ पूजा के लिए बने घाटों में पानी में खड़ी रहकर सूर्य भगवान के उदय होने की प्रतीक्षा करती हैं. सुबह सूर्य देव के उदित होते ही महिलाएं उन्हें अर्घ्य अर्पित कर अपने व्रत को पूर्ण करती हैं और छठी मैया से आशीर्वाद की कामना करती हैं. व्रती महिलाओं का मानना है कि छठी मैया उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. माजरी के सिरना नदी के छठ पूजा घाटों पर सुबह से ही हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े. वाहनों की लंबी कतारें, जगह-जगह लगे टेंट और घाट पर बज रहे छठी मैया के गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया है. घाट पर आए लोगों में महिलाएं, उनके परिवारजन दउरी, गन्ना आदि पूजन सामग्री के साथ मौजूद हैं. बालू मिट्टी से महिलाओं ने छठी मैया के प्रतीकात्मक चित्र बनाए हैं, जहां वे धूप, अगरबत्ती और दिए जलाकर पूजा की.

       
जहां पुलिसकर्मी व्यवस्था बनाए हुए हैं. गाड़ियों की आवाजाही को व्यवस्थित किया गया है ताकि यहां जाम की समस्या न हो और श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू रूप से चलती इस साल की छठ पूजा सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ पूरी हो गई है. अब महिलाएं अगले साल फिर इस दिन का इंतजार करेंगी और पूरे भाव से पूजा करेंगी. तीन दिन के इस कठिन व्रत का समापन शुक्रवार कों हो गया है. अब सभी छठीव्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे मां से परिवार की कुशलता की कामना करेंगे