प्रधानमंत्री ने कहा- छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता।।
दिल्लीः
सरकार ने कोरोना की वजह से इस साल CBSE 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है। इससे पहले 10वीं के एग्जाम भी रद्द कर दिए गए थे। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है। ऐसे माहौल में उन्हें परीक्षा का तनाव देना ठीक नहीं है। हम उनकी जान खतरे में नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा कि 12वीं का रिजल्ट तय समयसीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा।
इस फैसले के बाद इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) के 12वीं के एग्जाम भी रद्द कर दिए गए। काउंसिल फॉर द स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के चेयरमैन डॉ जी. इमानुएल के मुताबिक, रिजल्ट कम्पाइल करने पर आखिरी फैसला लिया जाना बाकी है।
*बैठक में प्रधानमंत्री की 5 बड़ी बातें…*
– छात्रों के हित को ध्यान में रखकर ही 12वीं की परीक्षा पर फैसला लिया गया है।छात्रों की सुरक्षा और सेहत हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
– इस पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।
– परीक्षा को लेकर छात्र, पैरेंट्स और टीचर्स सभी परेशान थे। इस फिक्र को खत्म किया जाना जरूरी था।
– ऐसे दबाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा देने के लिए बाध्य किया जाना ठीक नहीं होगा।
– परीक्षा से जुड़े सभी पक्षों को इस समय छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री के सामने सभी विकल्प रखे गए
इस बैठक में CBSE के चेयरमैन, शिक्षा मंत्रालय के सेक्रेटरी के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हुए। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हॉस्पिटल में एडमिट होने की वजह से इसमें नहीं जुड़ पाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन दी। यह प्रेजेंटेशन बोर्ड, राज्य सरकारों और परीक्षा से जुड़े सभी पक्षों से बातचीत के बाद तैयार की गई थी। सभी से मिले फीडबैक के आधार पर एग्जाम टालने का फैसला लिया गया।
*छात्रों ने लिखी थी चीफ जस्टिस को चिट्ठी*
3 हजार छात्रों ने परीक्षाओं को लेकर करीब एक हफ्ते पहले चीफ जस्टिस एनवी रमना को चिट्ठी लिखी थी। कहा था, ‘कोरोना के बीच फिजिकल एग्जाम कराने का CBSE का फैसला रद्द कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट असेसमेंट का वैकल्पिक तरीका तय करने का निर्देश दे। देश में कोविड-19 के चलते कई स्टूडेंट्स ने अपने परिवार वालों को खोया है। ऐसे में इस समय फिजिकली परीक्षा कराना न सिर्फ लाखों छात्रों और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी यह परेशानी का सबब है।’