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कोरोना संक्रमण ने महाराष्ट्र में बदला सिस्टम।। इस बार बिना एग्जाम के अगली क्लास में प्रमोट होंगे 10वीं के स्टूडेंट्स, इंटरनल एग्जाम के आधार पर होगा मूल्यांकन।।

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मुंबई।।
महाराष्ट्र में 10वीं कक्षा के छात्रों को बिना किसी एग्जाम के अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाएगा। छात्रों के मूल्यांकन इंटरनल एग्जाम और 9वीं कक्षा के मार्क्स के आधार पर किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए शुक्रवार को राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बताया कि सरकार की ओर से कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस साल मार्च में होने वाली 10वीं की परीक्षा को संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए रद्द कर दिया गया था। राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि 10वीं कक्षा (माध्यमिक स्कूल प्रमाणपत्र-एसएससी) की परीक्षाओं में बैठे सभी छात्रों को अगली कक्षा में भेजा जाएगा। इस साल के आंतरिक मूल्यांकन और कक्षा नौ के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें अंक प्रदान किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जून के अंत तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
*ऐसे होगा छात्रों का मूल्यांकन*
गायकवाड़ ने कहा, ”बोर्ड परीक्षाओं में बैठे सभी छात्रों को पास करने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक विषय में 100 अंकों के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा। कक्षा 10 में 30 अंक लिखित मूल्यांकन, 20 अंक मौखिक परीक्षा और 50 अंक नौवीं कक्षा के प्रदर्शन पर आधारित होंगे।”
CET देने वालों को 11वीं कक्षा में मिलेगी प्राथमिकता
वर्षा गायकवाड़ ने आगे कहा कि 11वीं कक्षा में दाखिले के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CET) आयोजित की जाएगी। हालांकि यह वैकल्पिक होगी। CET देने वाले छात्रों को 11वीं कक्षा में दाखिले के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी। अन्य शिक्षा बोर्ड के छात्र भी यह परीक्षा दे सकते हैं। गायकवाड़ ने कहा कि 10वीं के पाठ्यक्रम के आधार पर ढाई घंटे की परीक्षा होगी। शेष छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन में मिले अंकों के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यदि 10वीं के छात्रों को लगता है कि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे तो उन्हें इस साल महामारी खत्म होने पर दो परीक्षाएं देने का विकल्प दिया जाएगा।